हनुमान जयंती 2023:हनुमान जयंती समारोह 6 अप्रैल, 2023 से शुरू हो रहा है और किन-किन मंत्रो का जाप करना चाहिए

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हनुमान जयंती 2023:हनुमान जयंती समारोह 6 अप्रैल, 2023 से शुरू हो रहा है और किन-किन मंत्रो का जाप करना चाहिए

हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष हनुमान जयंती समारोह 6 अप्रैल, 2023 से शुरू हो रहा है

हनुमान जयंती 2023:हनुमान जयंती समारोह 6 अप्रैल, 2023 से शुरू हो रहा है और किन-किन मंत्रो का जाप करना चाहिए

                      

हनुमान जयंती का उत्सव हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है क्योंकि यह श्रद्धेय भगवान हनुमान को समर्पित है। भक्त बड़ी संख्या में मारुति नंदन की जयंती मनाते हैं। यह शुभ दिन, जिसे रामायण के नायक और श्री राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में भी जाना जाता है, यह चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पड़ता हैइस साल 6 अप्रैल 2023 को हनुमान जयंती मनाई जाएगी।


कर्नाटक में, हनुमान जयंती शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को, मार्गशीर्ष महीने के दौरान या वैशाख में मनाई जाती है, जबकि केरल और तमिलनाडु जैसे कुछ राज्यों में, यह धनु (तमिल में मार्गाली कहा जाता है) के महीने में मनाया जाता है। पूर्वी राज्य ओडिशा में पान संक्रांति पर हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस दिन को ओडिया नव वर्ष के रूप में भी मनाया जाता है जो हर साल 13/14/15 अप्रैल को पड़ता है। उत्तरी भारत में, यह कार्तिक महीने के चौदहवें दिन मनाया जाता है।

  1. हनुमान जयंती 2023: तिथि, शुभ मुहूर्त

2023 में हनुमान जयंती का शुभ अवसर 6 अप्रैल को मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि 05 अप्रैल, 2023 को सुबह 09:19 बजे शुरू होगी और 06 अप्रैल, 2023 को सुबह 10:04 बजे समाप्त होगी। हनुमान जयंती मनाने की योजना बना रहे भक्तों को चाहिए निम्नलिखित शुभ मुहूर्त समय पर ध्यान दें:
सुबह 06:06 से 07:40 तक
सुबह 10:49 से 12:23 दोपहर तक
दोपहर 12:23 से 01:58 तक
दोपहर 01:58 से 03:32 तक
शाम 05:07 से शाम 06:41 बजे तक
शाम 06:41 से 08:07 तक


 2. हनुमान जयंती उत्सव कैसे मनाएं ?

हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में पूजा जाता है जो बुराई पर विजय पाने और सुरक्षा प्रदान करने की क्षमता रखते हैं। हनुमान जयंती बहुत उत्साह और भक्ति के साथ मनाई जाती है,भक्त उपवास करते हैं और पूजा करते हैं। कुछ लोग मंदिरों में भी जाते हैं और गरीबों और जरूरतमंदों के बीच भोजन वितरित करने के लिए भण्डारा लगाते हैं।इसके अतिरिक्त, इस अवसर को मनाने के लिए सुंदर कांड पाठ,भजन और कीर्तन आयोजित किए जाते हैं। क्योंकि लोग विभिन्न तरीकों से भगवान हनुमान को मनाते हैं और उनसे, रक्षा और आशीर्वाद मांगते हैं। हनुमान जी की मूर्ति से अपने माथे पर सिंदूर का तिलक लगाते हैं। तमिलनाडु और केरल में, हनुमान जयंती मारगली (धनु) महीने में अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इन राज्यों में प्रसिद्ध हनुमान मंदिर जैसे नंगनल्लूर, नामक्कल, सुचिंद्रम, थ्रिक्कवियूर और अलथियूर इस दिन को धूमधाम से मनाते हैं।
 

 3. हनुमान जी पर सिन्दूर क्यों चढ़ता है ?

एक बार जब हनुमान जी ने सीता माँ को अपने माथे पर सिंदूर लगाते हुए पाया, तो उन्होंने माता से इस बारे में पूछा। सीता माता ने उत्तर दिया कि ऐसा करने से उनके पति श्री राम की लंबी आयु होगी। फिर हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर का लेप लगा लिया, और इस प्रकार हनुमान जी ने श्री राम जी की अमरता सुनिश्चित की।

 4. हनुमान जयंती पर किन-किन मंत्रो का जाप करना चाहिए 

भक्त हनुमान जी को खुश करने के लिए कई मंत्रो का उच्चारण करते है. ऐसा करने से हनुमान जी का आशीर्वाद मिलता है और सारे दुख दूर हो जाते है. घर में शांति और खुशियाँ आती है। मंत्रो के जाप से हमारे अंदर से हीन भावना ख़त्म हो जाती है। मंत्र पढ़ने से पहले हमे भगवन राम जी को याद करना चाहिए।  और जोर से बोलना चाहिए " जय श्री राम " "जय श्री राम" " जय श्री राम " "जय श्री राम" " जय श्री राम " "जय श्री राम" 
इसके बाद हमे हनुमान जी के मंत्र पढ़ने चाहिए।


मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥


अर्थ :- जिनकी मन के समान गति और वायु के समान वेग है, जो परम जितेन्दिय और बुद्धिमानों में श्रेष्ठ हैं, उन पवनपुत्र वानरों में प्रमुख श्रीरामदूत की मैं शरण लेता हूं। कलियुग में हनुमानजी की भक्ति से बढ़कर किसी अन्य की भक्ति में शक्ति नहीं है।

"ओम हं हनुमते नमः" 

"ओम नमो भगवते हनुमते नमः" 

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। 
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

एक अन्य लोकप्रिय मंत्र है "अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता अस वर दीन जानकी  माता "

 5.भगवान हनुमान जी का जन्म कहाँ और कैसे हुआ?

भगवान हनुमान जी ने एक वानर रूप में जन्म हुआ, जिनका जन्म  पिता केसरी और अंजना माता से हुआ। हनुमान जी को पवन-देवता वायु के पुत्र के रूप में भी जाना जाता है। उनकी माता अंजना एक अप्सरा थीं, जो एक श्राप के कारण पृथ्वी पर पैदा हुई थीं। एक पुत्र को जन्म देने पर उन्हें इस श्राप से मुक्ति मिली थी। वाल्मीकि रामायण में कहा गया है कि उनके पिता केसरी, किष्किंधा राज्य के पास स्थित सुमेरु नामक क्षेत्र के राजा बृहस्पति के पुत्र थे।  
कहा जाता है कि अंजना ने एक बच्चे को जन्म देने के लिए रुद्र से बारह वर्षों तक गहन प्रार्थना की थी। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर, रुद्र ने उन्हें वह पुत्र प्रदान किया जिसकी उन्हें तलाश थी। एकनाथ के भावार्थ रामायण में कहा गया है कि जब अंजना रुद्र की पूजा कर रही थी, तब अयोध्या के राजा दशरथ भी संतान प्राप्ति के लिए पुत्रकामेष्टि का अनुष्ठान कर रहे थे। 
परिणाम स्वरूप, उन्हें अपनी तीन पत्नियों द्वारा साझा करने के लिए कुछ पवित्र हलवा (पायसम) प्राप्त हुआ, जिससे राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का जन्म हुआ। 
दैवीय विधान से, एक पतंग ने उस खीर का एक टुकड़ा छीन लिया और उसे जंगल के ऊपर उड़ते समय गिरा दिया जहाँ अंजना पूजा में लीन थी। वायु ने गिरते हुए खीर को अंजना के फैलाए हुए हाथों में पहुँचाया, जिसने उसे खा लिया। परिणाम स्वरूप हनुमान का जन्म हुआ। 


   
                                    


6. हनुमान जयंती पूजन विधि

  • सबसे पहले नहा ले उसके बाद पूजा के स्थान को साफ़ कर ले 
  • बजरंग बलि की मूर्ति के नीचे आसन लगा ले 
  • गंगाजल से थोड़ा स्नान करा दे और हर जगह पर गंगाजल छिड़क ले , इससे घर है हर कोना साफ़ और पवित्र हो जाता है 
  • बजरंगबली को वस्त्र पहनाये, जो भी हम उनके लिए दिल स लाये है 
  • उसके बाद सिन्दूर चढ़ाये 
  • इसके बाद तुलसी और फूल अर्पित करे 
  • भोग लगा कर पूजा करे 
सबसे पहले भगवान् श्री राम जी का स्मरण करे , सीता माता का ध्यान करे। जोर से बोले  "जय श्री राम" "जय श्री राम"
इसके बाद सुंदरकांड का पाठ पढ़े  , हनुमान चालीसा पढ़े, बजरंग बाण पढ़े , हनुमान अष्टक पढ़े , राम स्तुति : श्री राम चंद्र कृपालु भगवन पढ़े , हनुमान जी के १०८ नाम की माला जपे , इन सबके बाद हनुमान जी की आरती करे। 
अगर सच्चे मन से बजरंगबली महराज के ये पाठ पढ़ेंगे और सच्चे दिल से याद करोगे तो ,सारे कष्ट दूर हो जायेगे। हर बाधा दूर हो जाएगी। 

हनुमान जयंती समारोह 6 अप्रैल, 2023 से शुरू हो रहा है और किन-किन मंत्रो का जाप करना चाहिए

FAQ:
  1. हनुमान के अन्य नाम क्या हैं?
अंजनेया, बजरंगबली, चिरंजीवी,पवन पुत्र (मारुति)

      2. हनुमान जी किसके अवतार हैं?

जी हां, उन्हें महादेव का अवतार कहा जाता है।

कृपया ध्यान दें : अगर ऊपर दी गयी जानकारी में कोई भी गलती हो तो जरूर बताये। और उन गलतियों के लिए माफ़ कर देना। 

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