6) मां कात्यायनी
मां कात्यायनी,माँ दुर्गा के 9 रूप, |
छठा स्वरुप- देवी कात्यायनी
महत्व : मां कात्यायनी देवताओं और ऋषियों के कार्य को सिद्ध करने के लिए महर्षि कात्यान के आश्रम में प्रकट हुईं इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा। यह देवी दानवों और शत्रुओं का नाश करती है। देवी भागवत पुराण के अनुसार देवी के इस स्वरुप की पूजा करने से शरीर कांतिमान हो जाता है। इनकी आराधना से गृहस्थ जीवन सुखमय रहता है।
पूजन मंत्र: चंद्रहासोज्जवलकरा, शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्यात्, देवी दानवघातिनी।।
बीजमंत्र: क्लीं श्री त्रिनेत्राय नम:
पूजन विधि: मां कात्यायनी की प्रतिमा को शुद्ध जल या गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद मां को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें। मां को स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें। मां को रोली कुमकुम लगाएं। मां को पांच प्रकार के फल और मिष्ठान का भोग लगाएं। मां कात्यायनी को शहद का भोग अवश्य लगाएं। मां कात्यायनी का अधिक से अधिक ध्यान करें। इसके बाद मां की आरती भी करें।
माता का प्रिय रंग: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी कात्यायनी को पीला रंग पसंद है।