माँ दुर्गा, माँ काली आरती:अम्बे तू है जगदम्बे काली

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माँ दुर्गा, माँ काली आरती:अम्बे तू है जगदम्बे काली


        अम्बे तू है जगदम्बे काली-माँ दुर्गा, माँ काली आरती:अम्बे तू है जगदम्बे काली


अम्बे तू है जगदम्बे काली,

जय दुर्गे खप्पर वाली ।

तेरे ही गुण गाये भारती,

ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥


तेरे भक्त जनो पर,

भीर पडी है भारी माँ ।

दानव दल पर टूट पडो,

माँ करके सिंह सवारी ।

सौ-सौ सिंहो से भी  बलशाली,

दस  भुजाओ वाली,

दुखियो के दुखडे निवारती  ।

ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥


अम्बे तू है जगदम्बे काली,

जय दुर्गे खप्पर वाली ।

तेरे ही गुण गाये भारती,

ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

माँ बेटे का है इस जग मे,

बडा ही निर्मल नाता ।

पूत - कपूत सुने है पर न,

माता सुनी कुमाता ॥

सब पे करूणा बरसाने वाली,

अमृत बरसाने वाली,

दुखियो के दुखडे निवारती ।

ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥


अम्बे तू है जगदम्बे काली,

जय दुर्गे खप्पर वाली ।

तेरे ही गुण गाये भारती,

ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

नही मांगते धन और दौलत,

न चांदी न सोना माँ ।

हम तो मांगे माँ तेरे मन मे,

इक छोटा सा कोना ॥

सबकी बिगडी बनाने वाली,

लाज बचाने वाली,

सतियो के सत को सवांरती ।

ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥

अम्बे तू है जगदम्बे काली,

जय दुर्गे खप्पर वाली ।

तेरे ही गुण गाये भारती,

ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥


बोलो अम्बे  मैया की जय !!!!!!!🙌🙌🙌🙌

बोलो साँचे दरबार की जय !!!!!!!🙌🙌🙌🙌

कृपया ध्यान दें : अगर ऊपर दी गयी जानकारी में कोई भी गलती हो तो जरूर बताये। और उन गलतियों के लिए माफ़ कर देना। 

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