मां सिद्धिदात्री,माँ दुर्गा के 9 रूप,

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                9)  मां सिद्धिदात्री,माँ दुर्गा के 9 रूप

 मां सिद्धिदात्री,माँ दुर्गा के 9 रूप


नौवां स्वरूप-  मां सिद्धिदात्री

महत्व : मां सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को सभी प्रकार की सिद्धियां प्रदान करने में समर्थ हैं। मान्यता है कि सभी देवी-देवताओं को भी मां सिद्धिदात्री से ही सिद्धियों की प्राप्ति हुई है। इनकी उपासना से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।भक्त इनकी पूजा से यश,बल और धन की प्राप्ति करते हैं ।

पूजन मंत्र:   सिद्धंगधर्वयक्षाद्यै: असुरैरमरैरपि।
                  सेव्यमाना सदा भूयात्, सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।। 

बीजमंत्र:   ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:

पूजन विधि: प्रातः काल उठकर स्नान आदि करके पहले भोग तैयार करें। इसके बाद देवी सिद्धिदात्री की पूजा करते समय हाथ में एक फूल लेकर उनका ध्यान करें और प्रार्थना करें। इसके उपरांत देवि सिद्धिदात्री को पंचामृत स्नान कराएं, फिर अलग-अलग तरह के फूल,अक्षत, कुमकुम, सिंदूर, अर्पित करें। माता को हलवा, पूड़ी व चने का भोग लगाएं। और कन्या भोज करने के बाद व्रत का पारण कर सकते हैं। 

माता का प्रिय रंग: नवरात्रि के अंतिम दिन मां को लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनाएं।

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